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कितना है दर्द

कितना दर्द है

कहना तो बहुत कुछ है,
ज़िन्दगी तुझसे।

पर ज़ुबान पे बस ख़ामोशी है,
बस ख़ामोशी और ख़ामोशी।

क्या कहूँ मैं तुझसे,
जब सब है तुझे पता।

बस ये बता दे मुझे,
क्या है मेरी ख़ता,
हाँ,क्या है मेरी ख़ता।

क्यों है तू मुझसे इतना ख़फ़ा,
हाँ,क्यों है तू इतना खफ़ा।

कह दे ज़िन्दगी जो तुझे है कहना,
पर ऐसे यू ना हो तू मुझसे अब खफ़ा,
हाँ,ऐसे ना हो अब तू खफ़ा।

इस हँसते चहरे के पीछे,
कितना है दर्द छिपा।

हाँ,कितना है दर्द छिपा,
किसको क्या है यहाँ पता।

© Swati Chourasia

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4 Comments

Niraj Pandey

29-Aug-2021 10:22 AM

बहुत खूब

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Seema Priyadarshini sahay

29-Aug-2021 12:36 AM

वाह

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Miss Lipsa

28-Aug-2021 11:35 PM

Wow

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